सोमवार, 19 जनवरी 2015

सुन रे संटुआ - ७

रे संटुआ मुंहझौसा, कुकराहा, तोरा कहले रहियो जे चाह में मसाला न डालना, तखनो तू काहे डाला रे। हमरा मसाला वाला चाह नहीं अच्‍छा लगता है। का बोला तू, चाह में तोडा मसाला डालना है,
मसाला तोहर मेहरारू अपन हाथ स बनेले होउ। चाह मे नहि मिलाओगे तो उ नाराज हो जेतउ। रे संटु तोरा नौकरी पर हम रखने हियउ या तू मेहरारू कए नौकरी कर रहा है इंहा...देख नौकरी से भगा दूंगी। का बोला..हम तोहर घर तोडने मे लगे हैं इसी लिए नौकरी से निकालने की धमकी दे रहे हैं...रे नमकहराम तोरा गत्‍तर मे लाज होउ या घोर के पी गया है रे...हम नौकरी दिये उ तोरा याद नहीं होउ, इ नौकरी नहीं मिलल रहितो त विवाह सपने रहितो तोरा...लेकिन देख तो नौकरी हमरे मर्जी के खिलाफ करने लगा, अब हटाउंगी तो तोडा घर तोड रही हूं। देख सुधर जो तोरा नौकरी हम चाह मे मसाला मिलेबा लेल नहि देले रहियो..चल भाग इहां से...बंद कर फेसबुक भर दिन टिपिर टिपिर करता रहता है।

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