सोमवार, 27 अप्रैल 2015

नरगौना पैलेस : भारत का पहला भूकंपरोधी महल

nargona palace at darbhanga
Nargona Palace, Darbhanga (image courtesy : Wikipedia)
नरगौना पैलेस, दरभंगा (Nargona Palace or Nargauna Palace, Darbhanga).

कहने को यह भारत के सबसे अमीर जमींदार का आखरी महल है, लेकिन हिंदुस्तान  को इसने बहुत कुछ पहली बार दिखाया। यह भारत का पहला भूकंपरोधि महल है। डच वास्‍तुशैली में बने इस महल को प्रसिद्ध वास्‍तुकार सह अभियंता फेलचर, हेय और रिड ने सामूहिक रूप से किया था। महाराजा कामेश्‍वर सिंह ने इसका निर्माण 1934 में आये भूकंप के बाद क्षतिग्रस्‍त छत्र निवास पैलेस के स्‍थान पर कराया था। इस महल में एक भी ईंट का प्रयोग नहीं हुआ है
यह पूरा महल सीमेंट के मजबूत खंभों और दीवारों से बना है। यह भारत का पहला महल है जो पूर्णत: वातानुकुलित था। यह देश का इकलौता पैलेस है, जिसके परिसर में रेलवे स्‍टेशन है। इस पैलेस की सबसे बडी खूबी इसका डिजाइन है, यह तितली जैसा है। जिसके तहत यह दो दिशाओं से देखने में एक समान लगता है और हर कमरा सीधा सामने की ओर खुलता है। 1941 में तैयार हुए डज वास्‍तुशैली के इस 89 कमरोंवाले दो मंजिले पैलेस में कुल 14 महाराजा सूट है, जो विभिन्‍न राज्‍यों के स्‍थापत्‍य शैली से सुसज्जित है। इन सूइट में एक नेपाल के राजा का भी है, जिसमें नेपाल नरेश त्रिभुवन रात गुजार चुके हैं। कहा जाता है कि नेपाल नरेश देश की सीमा के बाहर रात नहीं गुजारा करते थे। पहली बार नेपाल के किसी राजा ने राज्‍य की सीमा के बाहर इसी महल में रात गुजारी थी। इससे पहले नेपाल के राजा रात अपनी सीमा में ही गुजारते थे। वैसे बीकानेर केे महाराजा गंगा सिंह इस महल में ठहरनेवाले पहले राज अतिथि थे। वो 1939 में दरभंगा प्रवास के दौरान इसी महल में ठहरे थे।
दो लिफ्ट की सुविधावाले इस महल में पहली बार प्‍लास्‍टर आफ पेरिस का प्रयोग हुआ था। इटेलियन मारवल, चीनी मोहबनी (टीक) और बेलजियम ग्‍लास से बने इस महल को बिहार का व्‍हाईट हाउस भी कहा जा सकता है। कई प्रकार के कमरोंवाले इस महल में उत्‍तर भारत का इकलौता बॉल डांस हॉल है, जिसमें आवाज की गूंज राष्‍ट्रपति भवन के अशोक हॉल से भी कम है। इस महल में दो तरणताल हैं, जिनमें से एक गरम पानी वाला तरणताल पैलेस के अंदर है और वह बिहार का पहला तरणताल है। इस तरणताल में जयपुर के महाराजा सवाई मान सिंह और नेपाल के राजा त्रिभुवन समेत कई एतिहासिक हस्तियों के स्‍नान करने की बात कही जाती है। लांग टेनिस, बैडमिंटन से लेकर कई प्रकार के खेलों के लिए परिसर में आधारभूत संरचना बनायी गयी हैं। इसके अलावा एक जैविक उद्यान भी, जिसको दुनिया के प्रसिद्ध बागवान चाल्‍स मैरीज की देख रेख में छत्र विलास पैलेस के दौरान ही विकसित किया था। इसमें करीब 40 हजार पेड लगे थे। चंदन समेत कुछ ऐसी प्रजातियों के पेड भी यहां लगोय गये, जो बिहार ही नहीं अपितु एशिया में केवल यहीं थे। इन पेडों को लगाने के लिए न केवल बाहर से पौधे मंगाये गये बल्कि बाहर से माटी भी मंगायी गयी। इस महल के पास एक और रिकार्ड है, वो यह है कि भारत के राष्‍ट्रपति राज्‍य के अतिथि होते हैं। लेकिन आजादी से लेकर अब तक केवल एक बार राष्‍ट्रपति किसी के निजी मेहमान बने है। वो राष्‍ट्रपति थे राजेंद्र प्रसाद। भारत के राष्‍ट्रपति को निजी तौर पर ठहराने का सौभाग्‍य भी केवल इसी पैलेस को मिला हुआ है। यह महल एक जमींदार ने जरूर बनाया था, लेकिन इसमें संविधानसभा के सदस्‍य, राज्‍यसभा में बिहार के प्रतिनिधि और बिहार के सबसे बडे उद्योगपति डॉ कामेश्‍वर सिंह रहते थे। यह महल निश्चित रूप से देश के अन्‍य महत्‍वपूर्ण महलों की तरह आम जनता के लिए उपलब्‍ध होना चाहिए था। इस आधारभूत संरचना का लाभ दरभंगा में पर्यटकों को लुभाने के लिए भी किया जा सकता था, लेकिन इस महल को 1975 में बिहार सरकार ने एक गलत काम के लिए खरीद लिया। संप्रति यह ललित नारायण मिथिला विश्‍वविद्यालय के अधीन है। आइये हम हैदराबाद चल कर फलकनुमा पैलेस देखें।


earthquake building darbhanga
An Undated Pic of Nargona Palace

यह पूरा महल सीमेंट के मजबूत खंभों और दीवारों से बना है। यह भारत का पहला महल है जो पूर्णत: वातानुकुलित था।
airconditioner at palace
Airconditioner Ports in the Palace

यह देश का इकलौता पैलेस है, जिसके परिसर में रेलवे स्‍टेशन है।

tirhut railways
Railway Platform That Once Existed

इस पैलेस की सबसे बडी खूबी इसका डिजाइन है, यह तितली जैसा है। जिसके तहत यह दो दिशाओं से देखने में एक समान लगता है और हर कमरा सीधा सामने की ओर खुलता है।

nargona palace from sky
Top View Highlighting its 'Butterfly' like Shape & Perfect Symmetery


nargona palace site
A Plaque Stating The Old Site That Was Destroyed in 1934 Earthquake

1941 में तैयार हुए डज वास्‍तुशैली के इस दो मंजिले पैलेस में कुल 14 महाराजा सूट है, जो विभिन्‍न राज्‍यों के स्‍थापत्‍य शैली से सुसज्जित है। इन सूइट में एक नेपाल के राजा का भी है, जिसमें नेपाल नरेश त्रिभुवन रात गुजार चुके हैं। कहा जाता है कि नेपाल नरेश देश की सीमा के बाहर रात नहीं गुजारा करते थे। पहली बार नेपाल के किसी राजा ने राज्‍य की सीमा के बाहर इसी महल में रात गुजारी थी। इससे पहले नेपाल के राजा रात अपनी सीमा में ही गुजारते थे।
maharaja kameshwar singh
Maharaja of Darbhanga, Dr. Kameshwar Singh

inside maharaja palace
Maharaja's Room

 दो लिफ्ट की सुविधावाले इस महल में पहली बार प्‍लास्‍टर आफ पेरिस का प्रयोग हुआ था। इटेलियन मारवल, चीनी मोहबनी (टीक) और बेलजियम ग्‍लास से बने इस महल को बिहार का व्‍हाईट हाउस भी कहा जा सकता है।
first lift in india
A Dilapidated Lift
inside nargona palace
Inside Nargona Palace
कई प्रकार के कमरोंवाले इस महल में उत्‍तर भारत का इकलौता बॉल डांस हॉल है, जिसमें आवाज की गूंज राष्‍ट्रपति भवन के अशोक हॉल से भी कम है। इस महल में दो तरणताल हैं, जिनमें से एक गरम पानी वाला तरणताल पैलेस के अंदर है और वह बिहार का पहला तरणताल है।
nargona palace pond
A Pool In The Campus
इस तरणताल में जयपुर के महाराजा सवाई मान सिंह और नेपाल के राजा त्रिभुवन समेत कई एतिहासिक हस्तियों के स्‍नान करने की बात कही जाती है। लांग टेनिस, बैडमिंटन से लेकर कई प्रकार के खेलों के लिए परिसर में आधारभूत संरचना बनायी गयी हैं। इसके अलावा एक जैविक उद्यान भी, जिसको दुनिया के प्रसिद्ध बागवान चाल्‍स मैरीज की देख रेख में छत्र विलास पैलेस के दौरान ही विकसित किया था। इसमें करीब 40 हजार पेड लगे थे। चंदन समेत कुछ ऐसी प्रजातियों के पेड भी यहां लगोय गये, जो बिहार ही नहीं अपितु एशिया में केवल यहीं थे। इन पेडों को लगाने के लिए न केवल बाहर से पौधे मंगाये गये बल्कि बाहर से माटी भी मंगायी गयी।
antiques darbhanga
Artifacts In The Palace

darbhanga antiques
Antiquities in The Palace

valuables darbhanga
Antiques

darbhanga old objects
Artifacts & Objects

artifacts darbhanga
Various Valuable in the Palace
 इस महल के पास एक और रिकार्ड है, वो यह है कि भारत के राष्‍ट्रपति राज्‍य के अतिथि होते हैं। लेकिन आजादी से लेकर अब तक केवल एक बार राष्‍ट्रपति किसी के निजी मेहमान बने है। वो राष्‍ट्रपति थे राजेंद्र प्रसाद। भारत के राष्‍ट्रपति को निजी तौर पर ठहराने का सौभाग्‍य भी केवल इसी पैलेस को मिला हुआ है
dr rajendra prasad darbhanga
Dr. Kameshwar Singh Receiving President of India at Nargona Palace Platform
dr rajendra prasad with kameshwar singh
The Maharaja & The President
dr rajendra prasad darbhanga bihar
Planting Trees in The Campus As A Goodwill Gesture
dr rajendra prasad at nargona palace
A Group Photo During President's Visit At Nargona Palace

यह महल एक जमींदार ने जरूर बनाया था, लेकिन इसमें संविधानसभा के सदस्‍य, राज्‍यसभा में बिहार के प्रतिनिधि और बिहार के सबसे बडे उद्योगपति डॉ कामेश्‍वर सिंह रहते थे।
bihar chief minister Shribabu
Maharaja Dr. Kameshwar Singh With Shribabu (1st Chief Minister of Bihar)
Nehru, India & Maharaja of Darbhanga
Jawaharlal Nehru & Indira Gandhi receiving Maharaja's Hospitality
Flag Hoisting Darbhanga
Former President Zakir Hussain at Flag Hoisting Ceremony

यह महल निश्चित रूप से देश के अन्‍य महत्‍वपूर्ण महलों की तरह आम जनता के लिए उपलब्‍ध होना चाहिए था। इस आधारभूत संरचना का लाभ दरभंगा में पर्यटकों को लुभाने के लिए भी किया जा सकता था, लेकिन इस महल को 1975 में बिहार सरकार ने एक गलत काम के लिए खरीद लिया।
Maharani Kamsundari Devi
The Last Maharani of Darbhanga
संप्रति ललित नारायण मिथिला विश्‍वविद्यालय तन-मन-धन से इसे खंडहर बनाने में जुटा हुआ है। आइये हम हैदराबाद चल कर फलकनुमा पैलेस देखें।



जारी....

फोटो साभार : महाराजा कामेश्‍वर सिंह कल्‍याणी फांडेशन व अन्‍य स्रोतों से।

Keywords : First Earthquake Resistant Building of India, Palace of Maharaja of Darbhanga, Old Indian Palace

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