मंगलवार, 16 दिसंबर 2014

संटुआ कहिन - ३

रे संटुआ, सून त इधर, कुकराहा, मुहझौसा, रे कपरझरू कहां मर गया रे। का हुआ..अरे तोरा हिसाब में इतना गडबडी हाउ कि इ बेरका दरमाहा में से पैसा काट लूंगी। कइसन गडबडी..रे संटुआ
तोरा हम पूछले रहियउ जे इस बार दूध सुधा का नहीं धारा का लेना त तू दाम लगा दिहस धारा वाला आ दूध तो लाया तू सुधा का...का बोला..सुधा दुध का दाम है, 370 में धारा लाने का बात कभियो नहीं किया था। ..रे झाडू देखता है, अभिये दूध का दूध आ पानी का पानी कर दूंगी। भाग इहां से एकठो पैसा नहीं दूंगी।

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